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Wednesday, 2nd Jul, 2025
नई दिल्ली: अमेरिका में एच-1बी का मुद्दा छाया हुआ है. इस मुद्दे को लेकर अमेरिका में तीखी बहस छिड़ी है तो अब भारत ने भी इस मुद्दे पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है. भारत और अमेरिका के बीच स्किल्ड प्रोफेशनल्स की आवाजाही के महत्व पर जोर देते हुए भारत ने कहा कि इससे दोनों देशों को लाभ होता है. भारत की यह प्रतिक्रिया ऐसे वक्त में आई है जब अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति एलन मस्क तक इस मुद्दे पर लगातार बयान दे रहे हैं.
एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर अपनी हालिया पोस्ट में एच-1बी वीजा कार्यक्रम का बचाव किया और कहा, "स्पेसएक्स, टेस्ला और अमेरिका को मजबूत बनाने वाली सैकड़ों अन्य कंपनियों का निर्माण करने वाले इतने महत्वपूर्ण लोगों के साथ मैं अमेरिका में हूं, इसका कारण एच-1बी है." उन्होंने कहा, "मैं इस मुद्दे पर ऐसी लड़ाई लड़ूंगा, जिसे आप संभवतः समझ नहीं सकते."
इस बहस ने ट्रंप के सहयोगियों के बीच गहरे विभाजन और उनके अलग-अलग मत को उजागर कर दिया है. कुछ लोग एच-1बी वीजा कार्यक्रम को टेक इंडस्ट्री के लिए जरूरी बताते हुए समर्थन कर रहे हैं तो अन्य लोग इसे अमेरिकी लोगों की नौकरियों के लिए खतरे के रूप में देख रहे हैं.
इस तरह के वीजा तक पहुंच को रोकने के लिए पहले एक कार्यकारी आदेश पर साइन करने के बावजूद ट्रंप अब खुद इस कार्यक्रम को लेकर अपना समर्थन व्यक्त कर रहे हैं.
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